रिपोर्टर जनक दास वैष्णव।
निम्बाहेडा़ -राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय के प्रदेशाध्यक्ष रमेश चंद्र पुष्करणा उदयपुर मण्डल के संयुक्त मंत्री रमेशचंद्र पुरोहित प्रदेश प्रशिक्षण प्रकोष्ठ सदस्य मदनलाल जोशी प्रदेश महिला कार्य प्रकोष्ठ सदस्य पवन शेखावत जिलाध्यक्ष पूरणमल लोहार जिला संगठन मंत्री डॉक्टर हीरालाल लुहार प्रधानाचार्य जिला प्रतिनिधि सदस्य रवीन्द्र सिंह सिसोदिया भदेसर उपशाखा अध्यक्ष सुनील कुमार भारद्वाज सहित पदाधिकारियों ने उपशाखा निंबाहेड़ा पीईईओ युसीईओ क्षेत्र के शिक्षक शिक्षिकाओं से सम्पर्क कर 17-18 जनवरी को सांवलिया सेठ की नगरी में आयोजित होने वाले दो दिवसीय प्रांतीय शैक्षिक सम्मेलन को एतिहासिक बनाने के लिएं सम्पर्क कर तन मन से सहयोग की अपील के साथ सम्मेलन में अधिकाधिक संख्या में हम भागीदार बने ऐसा आग्रह किया गया।इधर जिला सचिव गोपाललाल व्यास निम्बाहेडा़ उपशाखा के अध्यक्ष निर्भय राम धाकड़, मंत्री निर्भय राम धाकड़ महिला मंत्री विद्या जटिया सभाध्यक्ष नंदकिशोर तोतला कोषाध्यक्ष सुरेश चंद्र कुम्हार ने अलग अलग टीम बनाकर निम्बाहेडा ,कनेरा,बिनोता क्षेत्र का दौरा कर शिक्षकों से सम्पर्क कर शैक्षिक सम्मेलन को सफल बनाने सहित सम्मेलन में सेवा कार्य करने वालें कार्मिकों की सूची तैयार की। उक्त अवसर पर सीबीईओ अरविंद कुमार मूंदड़ा,जिला संरक्षक जानकी लाल जोशी पूर्व जिलाध्यक्ष कन्हैयालाल भट्ट पन्नालाल लखारा मांगीलाल सुथार निर्मला धाकड़ सहित शिक्षक मौजूद रहे। निर्वाचन के बाद पहली बार बिनोता आगमन पर प्रदेशाध्यक्ष रमेशचंद्र पुष्करणा उदयपुर संभाग के संयुक्त मंत्री रमेशचंद्र पुरोहित जिलाध्यक्ष पूरणमल लोहार का श्रीकुंज कार्यालय बिनोता पर जिला संगठन मंत्री डॉक्टर हीरालाल लुहार के नेतृत्व में क्षेत्र के शिक्षकों द्वारा मेवाड़ी परंपरा अनुसार मंगलतिलक उत्तरीय पगडी़ से सम्मान किया गया। प्रदेशाध्यक्ष रमेशचंद्र पुष्करणा ने संगठनात्मक गतिविधियों पर चर्चा कर पंच प्रण के पर्यावरण संरक्षण, स्वच्छता, स्वदेशी वस्तुओं का उपयोग,प्रदेश शैक्षिक सम्मेलन की रुपरेखा आदि बिंदुओं पर विचार विमर्श किया। मांगलिक अवसर पर हम एक पौधा मां के नाम का अवश्य लगाएं । हर घर में तुलसी का पौधा अवश्य लगे यह स्वयं के घर से शुरुआत हो।संगठन का लक्ष्य है कि जिस गांव में हमारे संगठन का कार्यकर्ता है उस गांव में प्लास्टिक का उपयोग न हों तथा नशा मुक्त गांव हो ऐसा जनजागरण कर हम पर्यावरण संवर्धन के सहभागी बने।
Author: Kalu kumawat
संपादक